वोट की कीमत इस कहानी से समझिए !
सियालकोट हिन्दू बहुल इलाका था!
फिर भी ये तय हुआ कि इसे भारत में रखना है या पाकिस्तान में इसका फैसला जनमत संग्रह से होगा।
जब मतदान शुरू हुआ तो मुसलमान सबसे पहले लाइन में लगकर वोट डालकर आए।
हिन्दू समाज वोट देने ही नहीं पहुंचा, 1 लाख हिंदुओ ने वोट ही नहीं किया।
नतीजा ये हुआ कि 55000 मतों से सियालकोट पाकिस्तान में शामिल हो गया।
1946 में सियालकोट में हिन्दुओ की आबादी 2,31,000 थी, जिसमें 1 लाख ने वोट ही नहीं दिया।
और जब डायरेक्ट एक्शन डे की बारी आयी तो हिंदुओं का कत्लेआम किया गया।
1951 में उसी सियालकोट में हिन्दू आबादी 10 हजार पर पहुंच गई और 2017 में केवल 500 हिन्दू सियालकोट में बचे।
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